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पीला बुखार (वाईएफ) पीले बुखार वायरस (वाईएफवी) के कारण होता है

पीला बुखार (पीत ज्वर) एक विशेष प्रकार के मच्छर के काटने से फैलने वाला एक घातक वायरल रोग है। टीकाकरण की मदद से बीमारी से बचा जा सकता है। टीका लगवाने के बारे में कृपया अपने डॉक्टर से सलाह लें।

बार-बार बीमारी होने वाले और संक्रमणकालीन क्षेत्रों की यात्रा के लिए पीले बुखार (पीत ज्वर) के टीकाकरण की सलाह दी जाती है।

यदि आप टीकाकरण (वैक्सीनेशन) नही करवा पाये हैं, तो आपको क्या करना चाहिए?
कैच-अप वैक्सीनेशन

यदि आप निर्धारित समय के दौरान इन टीकाकरणों (वैक्सीनेशन) की खुराक नही ले पाते हैं, तो आप कैच-अप टीकाकरण के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

क्या आप जानते थे?

  • सीडीसी के अनुसार, पीला बुखार (पीत ज्वर) से पीड़ित लगभग 30 से 60 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हो जाती है।
  • पीला बुखार (पीत ज्वर) में "पीला" पीलिया को संदर्भित करता है, जो रोग के घातक लक्षणों में से एक है।

विलम्ब न करें!

पीला बुखार (पीत ज्वर) टीकाकरण के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श करें।

पीला बुखार (पीत ज्‍वर) क्या है?

पीला बुखार (पीत ज्वर) एक विशेष प्रकार के मच्छर - एडीज एजिप्टी - से फैलने वाला एक घातक वायरल रोग है, जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया और जीका बुखार भी फैलाता है। शुरुआती चरणों में बुखार का निदान करना मुश्किल होता है और इसे मलेरिया या हेपेटाइटिस माना जा सकता है। इस बीमारी का कोई सूचीबद्ध इलाज नहीं है। हालांकि, लक्षणों को प्रबंधित करके और जटिलताओं को सीमित करके कुछ राहत मिल सकती है।

पीला बुखार (पीत ज्‍वर) कैसे फैलता है?

पीला बुखार (पीत ज्वर) मच्छर के काटने से फैलता है जो पीले बुखार के वायरस को वहन करता है। एडीज और हीमोगोगस प्रजाति के मच्छर जंगलों, अर्ध-घरेलू क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में पनपते हैं, जहां वे वायरस को बंदरों, मनुष्यों और दोनों के बीच फैलाते हैं।

एडीज एजिप्टी मच्छर को यह वायरस इंसानों या बंदरों से मिलता है। जब यह किसी संक्रमित बंदर या इंसान को काटता है तो यह वायरस को भी अपने अंदर ले लेता है। जब संक्रमित मच्छर किसी अन्य इंसान या बंदर को काटता है, तो वह वायरस को उस इंसान में डाल देता है, जहां यह बीमारी का कारण बन सकता है।

पीला बुखार (पीत ज्‍वर) छूने या त्वचा से त्वचा के संपर्क से नहीं फैलता है।

पीले बुखार (पीत ज्‍वर) के लक्षण और जटिलताएं क्या हैं?

पीला बुखार (पीत ज्‍वर) को संक्रमित व्‍यक्ति के शरीर में विकसित होने में कम से कम तीन से छह दिन लगते हैं, और इस दौरान व्यक्ति को किसी भी लक्षण का अनुभव नहीं होता है। तीन से छह दिनों के बाद, संक्रमित व्‍यक्ति को हल्के लक्षणों का अनुभव होने लगता है:

  • बुखार
  • सिरदर्द
  • मतली, भूख न लगना
  • उल्टी होना
  • मांसपेशियों में दर्द
  • प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता
  • लाल आंखें, चेहरा या जीभ

ये लक्षण आमतौर पर कुछ दिनों तक रहते हैं। यदि, कुछ दिनों के बाद, लक्षण वापस आ जाते हैं, तो बीमारी विषैला चरण ले लेती है और जानलेवा हो सकती है। गंभीर मामलों में, इसके कारण निम्‍न हो सकता है:

  • लिवर और गुर्दे काम नहीं करना
  • आपकी नाक, मुंह और आंखों से खून बहना
  • पीलिया
  • पेट में दर्द और उल्टी, कभी-कभी खून आना
  • दिमाग सही से काम नहीं करना

बच्चे को पीला बुखार (पीत ज्वर) का टीका कब लगवाना चाहिए?

बार-बार बीमारी होने वाले और संक्रमणकालीन क्षेत्रों की यात्रा के लिए पीले बुखार (पीत ज्वर) के टीकाकरण की सलाह दी जाती है।

नौ महीने से ऊपर के बच्चों को पीले बुखार (पीत ज्वर) का टीका लगवाया जा सकता है।

हालाँकि, अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें।

पीला बुखार (पीत ज्वर) टीकाकरण से जुड़े आम दुष्प्रभाव क्या हैं?

पीले बुखार (पीत ज्वर) के टीके के संभावित दुष्प्रभावों में बुखार, मांसपेशियों में दर्द, और इंजेक्शन वाले क्षेत्र में दर्द या सूजन शामिल हो सकते हैं।

यदि दुष्प्रभाव बने रहते हैं, तो कृपया अपने डॉक्‍टर से सलाह लें।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या पीले बुखार (पीत ज्वर) का कोई इलाज है?

पीत ज्वर का कोई विशेष इलाज नहीं है। हालांकि, इसे रोगसूचक उपचार से राहत दी जा सकती है और टीकाकरण से रोका जा सकता है।

ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत।

इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं। रोग के आइकॉन/चित्र और एनीमेशन केवल उदाहरण के लिए प्रदर्शित किये गये हैं।

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यहाँ बताये गये रोगों की सूची आईएपी (भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी या इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स) द्वारा उनकी सामान्य व कैचअप वैक्सीनेशन सिफारिशों के तहत जारी वैक्सीन द्वारा रोके जा सकने वाले रोगों की सूची में शामिल है। इस सूची के अलावा भी ऐसे कई रोग हो सकते हैं, जो आपके बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत। इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं।
सीएल कोड: NP-IN-ABX-WCNT-210003, DoP Dec 2021

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