एक व्यक्ति टिटनेस से कई बार संक्रमित हो सकता है। टिटनेस से ठीक होने का अर्थ प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित होना नहीं है। यदि कोई व्यक्ति टिटनेस से ठीक हो गया है, तो उसे टीका लगवाने की सलाह दी जाती है।
You are now leaving GSK’s website and are going to a website that is not operated/controlled by GSK. Though we feel it could be useful to you,we are not responsible for the content/service or availability of linked sites. You are therefore mindful of these risks and have decided to go ahead.
Agree Agree Agree Stayटिटनेस, जिसे लॉकजॉ भी कहा जाता है, क्लोस्ट्रीडियम टेटानी के कारण होने वाला एक जीवाणु संक्रमण है।
यदि आप निर्धारित समय के दौरान इन टीकाकरणों (वैक्सीनेशन) की खुराक नही ले पाते हैं, तो आप कैच-अप टीकाकरण के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।
टिटनेस टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
क्लॉस्ट्रिडियम टेटानि, बैक्टीरिया जो टेटनस का कारण है, आमतौर पर मिट्टी, लार, धूल और खाद में पाया जाता है। संक्रमित हो जाने के बाद, व्यक्ति को मांसपेशियों में दर्दनाक संकुचन का अनुभव हो सकता है, यह मुख्य तौर पर जबड़े और गर्दन के हिस्सों में होता है। इसे लॉकजॉ भी कहा जाता है क्योंकि रोगी को सांस लेने, निगलने और अपने मुंह व गर्दन को हिलाने में मुश्किल हो सकती है।
टिटनेस बैक्टीरिया के बीजाणु आमतौर पर हमारे आसपास के वातावरण में मौजूद होते हैं। किसी भी व्यक्ति को प्राथमिक तौर पर संक्रमित होने का जोखिम तब होता है, जब बैक्टीरिया शरीर में प्रवेश करता है और यह आमतौर पर संदूषित वस्तुओं के कारण लगने वाली चोटों से शरीर में प्रवेश करता है। सीडीसी के अनुसार, क्लॉस्ट्रिडियम टेटानी से संक्रमण निम्नलिखित माध्यमों से हो सकता है:
धूल,
मल,
या लार से दूषित घाव
कील या सुई से लगे घाव
जलने की चोट
कुचले जाने से लगी चोटें
मृत ऊतक के साथ चोटें
सीडीसी के अनुसार, कुछ अन्य तरीके भी हैं,
जिनसे टिटनेस बैक्टीरिया आपको संक्रमित कर सकते हैं,
उनमें से कुछ हैं:
साफ
ऊपरी घाव
सर्जिकल प्रक्रियाएं
कीड़े का काटना
दांतों में संक्रमण
कम्पाउंड फ्रैक्चर (हड्डी निकल जाना)
पुराना घाव और संक्रमण इन्ट्रावेनस (IV) दवा के उपयोग इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन जबकि इन्क्यूबेशन अवधि (बीमारी होने का समय) 3 से 21 दिनों का होता है,
ज्यादातर मामले 10 से 14 दिनों के बीच देखे जाते हैं।
इन्क्यूबेशन की कम अवधि कई मामलों में देखी जा सकती है, जैसे: अधिक अधिक संदूषित घाव अधिक गंभीर रोग टिटनेस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संचारित नहीं हो सकता है।
टिटनेस संक्रमण आमतौर पर उन व्यक्तियों में देखा जाता है, जिन्हें इससे बचाव का टीका कभी नहीं लगाया गया है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार, इसके कुछ सामान्य लक्षण हैं:
जबड़े में ऐंठन
या मुंह खोलने में कठिनाई
निगलने और सांस लेने में कठिनाई
मांसपेशियों में ऐंठन,
आमतौर पर पीठ,
पेट और हाथ-पांव में दौरे पड़ना
सरदर्द
बुखार
और पसीना
रक्तचाप (ब्लड प्रेशर)
या हृदय गति में परिवर्तन बैक्टीरिया नवजात शिशुओं को भी प्रभावित कर सकता है।
नवजात शिशुओं के सामान्य लक्षण मांसपेशियों में ऐंठन और स्तनपान या चूसने में कठिनाई के साथ बच्चे का रोना है।
टिटनेस टीकाकरण(वैक्सीनेशन) टेटनस से सुरक्षा प्रदान कर सकता है। भारतीय बाल रोग अकादमी (आईएपी) की टीकाकरण व प्रतिरक्षण प्रथाओं की सलाहकार समिति( एसीवीआईपी) के अनुसार टीकाकरण(वैक्सीनेशन) तीन खुराकों में पूरा किया जाना चाहिए और प्रत्येक खुराक के लिए उम्र निम्नलिखित है:
6 सप्ताह की आयु
10 सप्ताह की आयु
14 सप्ताह की आयु
इसके अलावा, टिटनेस टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए बूस्टर खुराक 16-18 महीने और 4-6 वर्ष की उम्र में दी जाती है।
टीडैप (कम प्रतिजन वाली मिश्रित टेटनस, डिप्थीरिया और अकोशिकीय पर्टुसिस) 10-12 वर्ष की उम्र में दी जाती है।
वयस्कों को भी बूस्टर खुराक (टीडैप) की आवश्यकता होती है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। हालांकि अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
अन्य टीकाकरणों(वैक्सीनेशन) की तरह, टिटनेस के टीके से भी इंजेक्शन के स्थान पर दर्द, लालिमा या सूजन हो सकती है। कुछ अन्य गंभीर दुष्प्रभाव भी हैं, लेकिन ये कभी कभी होते हैं, इनमें दौरे पड़ना, कोमा में जाना, स्थायी ब्रेन डैमेज और चेतना में परिवर्तन(ऑल्टर्ड कॉन्शियसनेस) शामिल हैं। यदि आप ऐसा कोई भी लक्षण देखते हैं, तो तुरंत अपने बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें।
दुष्प्रभावों (साइड इफेक्ट्स) के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
एक व्यक्ति टिटनेस से कई बार संक्रमित हो सकता है। टिटनेस से ठीक होने का अर्थ प्राकृतिक प्रतिरक्षा विकसित होना नहीं है। यदि कोई व्यक्ति टिटनेस से ठीक हो गया है, तो उसे टीका लगवाने की सलाह दी जाती है।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत।
इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं। रोग के आइकॉन/चित्र और एनीमेशन केवल उदाहरण के लिए प्रदर्शित किये गये हैं।