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पोलियो, या पोलियोमाइलाइटिस, एक संक्रामक वायरल रोग है, जिसके कारण लकवा हो सकता है, जो स्थायी विकलांगता कही जाती है और इसमें कई बार मत्यु भी हो सकती है। पोलियो टीकाकरण(वैक्सीनेशन) रोग से बचाव का एक प्रभावी तरीका है।

यदि आप टीकाकरण (वैक्सीनेशन) नही करवा पाये हैं, तो आपको क्या करना चाहिए?
कैच-अप वैक्सीनेशन

यदि आप निर्धारित समय के दौरान इन टीकाकरणों (वैक्सीनेशन) की खुराक नही ले पाते हैं, तो आप कैच-अप टीकाकरण के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श कर सकते हैं।

क्या आप जानते थे?

  • 1988 के बाद से वाइल्ड पोलियोवायरस के मामलों में 99% कमी आई है, जो उस समय के अनुमानित 3,50,00 मामलों से घटकर 2019 में 175 मामले रह गई है।

विलम्ब न करें!

पोलियो टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।

पोलियो क्या है?

पोलियो वायरस से होने वाले रोग पोलियोमाइलाइटिस को आमतौर पर पोलियो के नाम से जाना जाता है। यह मुख्य रूप से बच्चों को प्रभावित करता है और इससे गंभीरता के आधार पर लकवा और मृत्यु हो सकती है। इसके अलावा इससे बचने वाले में भी पोस्ट-पोलियो सिंड्रोम देखे जा सकते हैं। वे संक्रमण के लगभग 15 से 40 वर्ष बाद मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी और पक्षाघात(पैरालेसिस) का अनुभव करते हैं।

पोलियो कैसे फैलता है?

पोलियोवायरस अत्यधिक संक्रामक है और इसलिए, एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है। यह निम्नलिखित तरीकों से फैलता है:

यदि आप किसी संक्रमित व्यक्ति के मल के संपर्क में आते हैं संक्रमित व्यक्ति के छींकने या खांसने से निकलने वाली बूंदें एक संक्रमित व्यक्ति लक्षण प्रकट होने से पहले या लक्षण प्रकट होने के 2 सप्ताह बाद तक दूसरों में वायरस फैला सकता है।

बिना लक्षण वाले व्यक्ति भी पोलियो वायरस फैला सकते हैं।

पोलियो के लक्षण और जटिलताएं

पोलियो वायरस से संक्रमित प्रत्येक व्यक्ति में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। हालांकि, हर चार संक्रमित व्यक्तियों में से लगभग 1 में फ्लू से पीड़ित किसी भी व्यक्ति में दिखने वाले लक्षणों के समान लक्षण दिखाई देंगे। इनमें से प्रमुख है:

• गले में खराश
• बुखार
• पेट दर्द
• थकान
• जी मिचलाना
• सरदर्द

ये लक्षण हल्के होते हैं और आमतौर पर 2 से 5 दिनों से अधिक नहीं रहते हैं। संक्रमण की गंभीरता के आधार पर, कुछ को गंभीर लक्षणों का अनुभव हो सकता है जो मेरुदण्ड और मस्तिष्क को प्रभावित करते हैं, जैसे:

पैराथेसिया, जो पिन-और-सुइयाँ चुभने का अनुभव होता है या अंगों में सुन्नता उत्पन्न हो जाती है, विशेष रूप से टाँगों में मेनिन्जाइटिस, जिसमें मस्तिष्क और मेरुदण्ड की झिल्लियों में सूजन उत्पन्न हो जाती है पक्षाघात(पैरालेसिस) सबसे गंभीर लक्षणों में से एक है, इससे स्थायी विकलांगता और मृत्यु हो सकती है तथा इसे पोलियो का सबसे गंभीर लक्षण माना जाता है।

बच्चे में पोलियो का टीकाकरण(वैक्सीनेशन) कब करवाना चाहिए?

• बच्चे को जन्म के समय ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी) की पहली खुराक दी जाती है।

• ओपीवी की जन्म के समय की खुराक के बाद, इंजेक्शन योग्य इनएक्टिवेटेड पोलियो वायरस (आईपीवी) युक्त टीके जरूरी हैं और 6 सप्ताह के बाद से बच्चे के लिए नियमित तौर पर अनुशंसित किये गये हैं। ये आईपीवी- युक्त टीके अकेले-अकेले या संयोजन में उपलब्ध हैं। इसके अलावा, सभी माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि उनके बच्चों को राष्ट्रीय और उपराष्ट्रीय पल्स पोलियो दिवस के दौरान ओपीवी दी जाये।

• हालांकि, अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

पोलियो टीकाकरण(वैक्सीनेशन) से जुड़े प्रतिकूल प्रभाव

किसी भी दवा, चाहे टीका हो, से दुष्प्रभाव (साइड इफेक्ट्स) की संभावना होती ही है। ये आमतौर पर हल्के होते हैं और अपने आप खत्म हो जाते हैं।

कुछ व्यक्ति जिन्हें आईपीवी लगाया जाता है, उन्हें टीके वाली जगह पर निशान पड़ जाता है और दर्द भी होता है। आईपीवी से किसी भी तरह की गंभीर समस्या नही पायी गई है, और अधिकांश व्यक्तियों को इससे कोई समस्या नहीं होती है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या पोलियो का कोई इलाज है?

नहीं, पोलियो का कोई इलाज नहीं है। उचित टीकाकरण(वैक्सीनेशन) से बच्चे को प्रतिरक्षण करके पोलियो को रोका जा सकता है।

ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत।

इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं। रोग के आइकॉन/चित्र और एनीमेशन केवल उदाहरण के लिए प्रदर्शित किये गये हैं।

अपने बच्चे की सुरक्षा में संभावित कमियों को पहचानें

यह देखने के लिए एक व्यक्तिगत टाइमलाइन बनाएं कि क्या आपके बच्चे का टीकाकरण छूट तो नही गया है*.

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यहाँ बताये गये रोगों की सूची आईएपी (भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी या इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स) द्वारा उनकी सामान्य व कैचअप वैक्सीनेशन सिफारिशों के तहत जारी वैक्सीन द्वारा रोके जा सकने वाले रोगों की सूची में शामिल है। इस सूची के अलावा भी ऐसे कई रोग हो सकते हैं, जो आपके बच्चे को प्रभावित कर सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड द्वारा प्रारंभ की गई एक जन जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत। इस सामग्री में प्रदर्शित होने वाली जानकारी केवल सामान्य जागरूकता के लिए है। इस सामग्री में दी गई जानकारी किसी भी तरह का चिकित्सा-संबंधी परामर्श नहीं है। अपनी परिस्थिति के संबंध में किसी भी चिकित्सा-संबंधी संदेह, किसी भी प्रश्न या चिंता के लिए कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लें। टीकाकरण(वैक्सीनेशन) के लिए निर्दिष्ट रोग सूची पूर्ण नहीं है, टीकाकरण(वैक्सीनेशन) की पूर्ण समय-सारणी के लिए कृपया अपने बच्चे के बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लें। इस सामग्री में दिखाए गए डॉक्टर केवल उदाहरण के लिए प्रस्तुत किये गये हैं और वास्तव में वे पेशेवर मॉडल हैं।
सीएल कोड: NP-IN-ABX-WCNT-210003, DoP Dec 2021

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