शिशु के जन्म के बाद पहलका कुछ सप्ताह में पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) से संक्रमित हो सकता। गर्भवती महिला लोगन खुद के पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) के टीका लगवा सकतरीं, जेकर माध्यम से ऊ जन्म से पहले आपन बच्चा के एंटीबॉडी दे सकता।
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Agree Agree Agree Stayपर्ट्युसिस के काली खांसी के नाम से भी जानल जायेला। ई एगो संक्रामक श्वसन संक्रमण बा अउर टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के द्वारा रोकल जा सकेला
अगर रउआ निर्धारित समय के दौरान इ टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के खुराक लेवे से छूट जातरीं, तब रउआ कैच-अप टीकाकरण (वैक्सीनेशन) खातिर राउर डॉक्टर से परामर्श कर सकतरीं।
पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) टीकाकरण (वैक्सीनेशन) खातिर राउर डॉक्टर से बात करीं।
पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) एगो श्वसन संक्रमण बा जउन बैक्टीरिया बोर्डेटेला पर्ट्युसिस के कारण होला। ई रोग अत्यधिक संक्रामक होला। बैक्टीरिया (जीवाणु) सिलिया से जुड़ जायेला, जउन हमार ऊपर श्वसन पथ में बाल के तरह छोटा प्रसार बा। अइजा, ई विषाक्त पदार्थों के छोड़ेला जउन सिलिया के नुकसान पहुंचाये ला।
एगो संक्रमित व्यक्ति के अनियंत्रित तेज़ खांसी हो सकेला जेसे सांस लेवे में कठिनाई होला। नवजात बच्चा में ई रोग जानलेवा साबित हो सकता।
पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) संक्रामक बा अउर एगो संक्रमित व्यक्ति से दोसर में श्वसन बूंद़ के माध्यम से या उनकर साथ स्थान साझा करे समय फैल सकता। ई आमतौर पर खांसले, छींकसे या निकट संपर्क से फैलेला। खांसी शुरू होवे के 2 सप्ताह तक संक्रमित व्यक्ति संक्रामक रहेला।
नवजात बच्चा के उ वाहक से संक्रमण के खतरा होला जउन उनके संपर्क में आयेला, जैसे देखभाल करे वाला, माता-पिता अउर भाई -बहन। ई व्यक्ति मे शायद लक्षण नइखे दिख रहल बा।
पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) के लक्षण अरक्षितता के बाद विकसित होवे में 5 से 10 दिन के बीच कउनो समय भी हो सकेला। कुछ मामला में, लक्षण तीन सप्ताह तक दिखाई नइखे दे सकता। पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) के शुरुआती लक्षण आम सर्दी के समान दिखाई दे सकता। ई 1 से 2 सप्ताह तक रह सकता। सीडीसी के अनुसार, कुछ सामान्य लक्षण में शामिल बा:
अगले चरण में, लक्षण विकसित हो सकत बा:
ऐंठन वाला खांसी के बाद थकावट
ऐंठन वाला खांसी लगभग 10 सप्ताह तक चल सकता। ठीक होवे के संकेत तब होला जब खांसी हलका अउर कम बार-बार होला। लेकिन स्वाथ्य लाभ धीरे-धीरे हो सकता।
निमोनिया नवजात बच्चा अउर बच्चा लोगन में अपेक्षाकृत आम बा लेकिन दौरा अउर मस्तिष्क रोग शायद ही कभी होला।
पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) टीकाकरण (वैक्सीनेशन) टिटेनस (धनुस्तंभ) अउर डिप्थीरिया के सम्मिश्रित में उपलब्ध बा। भारतीय बाल चिकित्सा अकादमी (इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स) (आईएपी) टीका अउर इम्यूनाइज़ेशन के सलाहकार समिति अभ्यास (एसीवीआईपी) के अनुसार, टीका के (वैक्सीन) तीन खुराक में दियल जाला, प्रत्येक खुराक निम्नलिखित उम्र में:
एकर अलावा, बूस्टर खुराक 16-18 महीना अउर 4-6 साल के उम्र में दी जाये चाहीं। टीडीएपी (कम प्रतिजन संयुक्त टिटेनस (धनुस्तंभ), डिप्थीरिया अउर अकोशिकीय पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) (कुकुरखांसी)) 10-12 साल में।
बूस्टर खुराक (टीडीएपी) वयस्क खातिर भी आवश्यक बा। अधिक जाने खातिर राउर बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लीं।
हालाँकि, अधिक जानकारी खातिर राउर डॉक्टर से परामर्श लीं।
साइड इफेक्ट्स के बारे अधिक जानकारी खातिर, कृपया राउर डॉक्टर से परामर्श लीं।
शिशु के जन्म के बाद पहलका कुछ सप्ताह में पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) से संक्रमित हो सकता। गर्भवती महिला लोगन खुद के पर्ट्युसिस (कुकुरखांसी) के टीका लगवा सकतरीं, जेकर माध्यम से ऊ जन्म से पहले आपन बच्चा के एंटीबॉडी दे सकता।
ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा एगो सार्वजनिक जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत।
ई सामग्री में प्रदर्शित होवे वाला जानकारी केवल सामान्य जागरूकता खातिर बा। ई सामग्री में निहित कउनो भी मेडिकल सलाह नइखे। राउर स्थिति के संबंध में कउनो भी मेडिकल प्रश्न, कउनो भी प्रश्न या चिंता खातिर कृपया राउर डॉक्टर से परामर्श करीं। वैक्सीनेशन (टीकाकरण) खातिर सूचित रोग के सूची पूरा नइखे बा, पूरा वेक्सीनेशन (टीकाकरण) समय-सारणी खातिर कृपया राउर बच्चा के पीडीअट्रिशन से संपर्क करीं। ई सामग्री में दिखावल गइल डॉक्टर के उपयोग केवल उदाहरण के उद्देश्य से करल गइल बा अउर इ एगो पेशेवर मॉडल बा। रोग प्रतिनिधित्व आइकन/चित्र अउर एनीमेशन केवल उदाहरण के उद्देश्य खातिर बा।