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रोटावायरस टीकाकरण (वैक्सीनेशन) राउर बच्चा के रोटावायरल दस्त (डायरिया) से बचाये के सबसे प्रभावी तरीका में से एगो बा।

टीकाकरण (वैक्सीनेशन) छूट जाये पर रउआ के का करे चाहीं?
कैच-अप टीकाकरण (वैक्सीनेशन)

अगर रउआ निर्धारित समय के दौरान इ टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के खुराक लेवे से छूट जातरीं, तब रउआ कैच-अप टीकाकरण (वैक्सीनेशन) खातिर राउर डॉक्टर से परामर्श कर सकतरीं।

का रउआ जानेनीं?

  • टीकाकरण (वैक्सीनेशन) रोटावायरस रोग से बचाये में मदद कर सकता।
  • रोटावायरस 3-5 साल के उम्र के लगभग प्रत्येक बच्चा के संक्रमित करेला अउर विश्व स्तर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चा में गंभीर, निर्जलीकरण दस्त (डिहाइड्रेटिंग डायरिया) के प्रमुख कारण बा।

देरी मत करीं!

रोटावायरस दस्त (डायरिया) टीकाकरण (वैक्सीनेशन) खातिर राउर डॉक्टर से बात करीं।

रोटावायरस का बा?

रोटावायरस एगो वायरस बा जउन गंभीर दस्त (डायरिया) अउर उल्टी के कारण होला। ई ज्यादातर शिशु लोगन अउर छोटा बच्चा लोगन के प्रभावित करेला। दस्त (डायरिया) अउर उल्टी गंभीर निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) (शरीर में पानी के कमी के परिणाम होला) के कारण होला। अगर निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) के इलाज नइखे करल गइल तब ई जानलेवा हो सकता। ई दुनिया भर में 5 साल से कम उम्र के प्रत्येक बच्चा के संक्रमित करेला।

रोटावायरस कइसे फैलेला?

ई वायरस आसानी से मुंह से फैल सकता अउर दूषित मल (पूप) के संपर्क में आये से फैलला। ई हो सकत बा अगर:

  • रउआ राउर मुंह में दूषित हाथ बिना धोवे डालें से
  • दूषित वस्तु या सतह के स्पर्श करे अउर फिर राउर उंगलि के राउर मुंह में डालें से
  • दूषित भोजन का सेवन करे से रोटावायरस संक्रमित व्यक्ति के मल अउर उल्टी में बहुत अधिक मात्रा में कई दिन तक रह सकत बा।

लोगन द्वारा रोटावायरस के सबसे अधिक फैलाइल जायला, अउर लक्षण के दौरान अउर ठीक होए के बाद पहलका 3 दिन के दौरान दूसर लोगन के संक्रमित करले के अधिक संभावना होला। रोटावायरस वाला लोगन के लक्षण दिखे से पहले भी दूसर लोगन के संक्रमित कर सकेला।

रोटावायरस के लक्षण का बा?

रोटावायरस रोग आमतौर पर जल्दी हो जायेला (लगभग 2 दिन में), एकेर लक्षण

  • 3 से 8 दिन तक उल्टी
  • अउर पानी वाला दस्त (डायरिया) बा।
  • रोटावायरस रोग के लक्षण अलग-अलग होला,
  • पतला मल से लेकर गंभीर दस्त (डायरिया)
  • अउर उल्टी तक,
  • जेकर कारण निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन),
  • इलेक्ट्रोलाइट
  • असंतुलन

अउर सदमा से मृत्यु हो जायेला। बुखार, पेट दर्द अउर भूख में कमी भी हो सकता।

एगो बच्चा के रोटावायरस टीकाकरण (वैक्सीनेशन) कब लेवे चाहीं?

  • एसीवीआईपी (आईएपी) के अनुसार, रोटावायरल दस्त (डायरिया) खातिर टीकाकरण (वैक्सीनेशन) छह सप्ताह से शुरू होवे चाहीं।
  • टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के बारे में अधिक जाने खातिर राउर बाल रोग चिकित्सक (पीडियाट्रिशन) से परामर्श लीं।
  • हालाँकि, अधिक जानकारी खातिर राउर डॉक्टर से परामर्श लीं।

रोटावायरस टीकाकरण (वैक्सीनेशन) से जुड़ल सामान्य साइड इफेक्ट का बा?

  • साइड इफेक्ट असामान्य बा, आमतौर पर हलका होला, अउर एमें घबराहट, उल्टी अउर दस्त (डायरिया) शामिल हो सकता।
  • रोटावायरस टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के पहलका या दूसरका खुराक के बाद एक सप्ताह के भीतर स्वानुशील (इन्टस्ससेप्शन) (एगो प्रकार के आंत के अंदर भोजन व द्रव आगे जाये में रुकावट) के कुछ मामला सामने आइल बा।
  • साइड इफेक्ट्स के बारे अधिक जानकारी खातिर, कृपया राउर डॉक्टर से परामर्श लीं।

अक्सर पूछे जाये वाला प्रश्न

रोटावायरस से केकरा के खतरा बा?

रोटावायरस रोग नवजात बच्चा अउर छोटा बच्चा में सबसे आम बा। रोटावायरस 3-5 साल के उम्र के लगभग प्रत्येक बच्चा के संक्रमित करेला अउर विश्व स्तर पर 5 साल से कम उम्र के बच्चा में गंभीर, निर्जलीकरण दस्त (डिहाइड्रेटिंग डायरिया) के प्रमुख कारण बा।

का रोटावायरस दस्त (डायरिया) अन्य प्रकार के दस्त (डायरिया) से अलग बा?

हां, रोटावायरस दस्त (डायरिया) अन्य प्रकार के दस्त (डायरिया) से अलग बा। बच्चा बुखार, उल्टी अउर गंभीर दस्त (डायरिया) से पीड़ित हो सकत बा। दस्त (डायरिया) दिन में 15 से अधिक बार हो सकत बा अउर 9 दिन तक जारी रह सकता। एसे गंभीर निर्जलीकरण (डिहाइड्रेशन) होला जेकर खातिर अक्सर अस्पताल में भर्ती होवे के आवश्यकता होला।

भारत में रोटावायरस दस्त (डायरिया) कितना आम बा?

  • अनुमान के अनुसार, रोटावायरस दस्त (डायरिया) के कारण भारत में सालाना 8.7 लाख लोग अस्पताल में भर्ती होला। यानी प्रत्येक 31 में से 1 बच्चा के रोटावायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होए के खतरा बा। जीवन का पहला साल भारत में बच्चा लोगन के बीच उच्चतम जोखिम के अवधि होला।
  • हम आपन बच्चा के स्वच्छता के बहुत ध्यान रख रहल बानीं। का हमके अबो भी रोटावायरस दस्त (डायरिया) के बारे में चिंता करले के आवश्यकता बा?- हां। रोटावायरस दस्त (डायरिया) के बेहतर स्वच्छता और स्वच्छंदता के साथ भी दूर नइखे करल जा सकत बा, काहेकि रोटावायरस एगो कठिन विषाणु (वायरस) बा।
  • ई कई दिन तक वस्तु पर रह सकत बा। रोटावायरस के केवल हाथ धोवे से अउर एगो कीटाणुनाशक से साफ करले से रोकल बहुत कठिन बा।

का ओआरएस से हम घरे पर रोटावायरस दस्त (डायरिया) के कारण होए वाला निर्जलीकरण के इलाज नइखे कर सकतरीं?

  • रोटावायरस दस्त (डायरिया) वाला बच्चा लोगन में उल्टी बहुत आम बा जेसे ओरल पुनर्जलीकरण (ओरल रिहाइड्रेशन) मुश्किल हो जायेला। एकर बाद गंभीर जलयुक्त दस्त (डायरिया) होला।
  • एसे, बच्चा बहुत सारा शरीर के तरल पदार्थ खो देवेला जेकरा के तत्काल बदले के आवश्यकता होला अउर अक्सर अस्पताल में भर्ती करे के आवश्यकता होला।

हम आपन बच्चा के रोटावायरस दस्त (डायरिया) से कइसे बचाईं?-

सफ़ाई व्यवस्था जइसे हाथ धोवल अउर अच्छा सफाई महत्वपूर्ण बा, लेकिन बीमारी के प्रसार के नियंत्रित करले खातिर पर्याप्त नइखे बा। रोटावायरस टीकाकरण (वैक्सीनेशन) राउर बच्चा के रोटावायरस रोग से बचाये के एगो तरीका बा। रोटावायरस दस्त (डायरिया) प्रबंधन के बारे में अधिक जानकारी खातिर राउर डॉक्टर से परामर्श लीं।

का रोटावायरस टीकाकरण (वैक्सीनेशन) के बाद हमार बच्चा के दस्त (डायरिया) नइखे होईं?-

दस्त (डायरिया) विभिन्न प्रकार के विषाणु (वायरस) अउर जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण हो सकता। हालांकि, रोटावायरस गंभीर निर्जलीकरण दस्त (डिहाइड्रेटिंग डायरिया) के सबसे सामान्य कारण में से एगो बा जउन अस्पताल में भर्ती होए के कारण बन सकता। रोटावायरस के खिलाफ टीकाकरण (वैक्सीनेशन) राउर बच्चा के ई गंभीर प्रकार के निर्जलीकरण दस्त (डिहाइड्रेटिंग डायरिया) अउर केवल रोटावायरस के कारण अस्पताल में भर्ती होए से बचाला।

ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन फार्मास्यूटिकल्स लिमिटेड द्वारा एगो सार्वजनिक जागरूकता पहल। डॉ. एनी बेसेंट रोड, वर्ली, मुंबई 400 030, भारत।

ई सामग्री में प्रदर्शित होवे वाला जानकारी केवल सामान्य जागरूकता खातिर बा। ई सामग्री में निहित कउनो भी मेडिकल सलाह नइखे। राउर स्थिति के संबंध में कउनो भी मेडिकल प्रश्न, कउनो भी प्रश्न या चिंता खातिर कृपया राउर डॉक्टर से परामर्श करीं। वैक्सीनेशन (टीकाकरण) खातिर सूचित रोग के सूची पूरा नइखे बा, पूरा वेक्सीनेशन (टीकाकरण) समय-सारणी खातिर कृपया राउर बच्चा के पीडीअट्रिशन से संपर्क करीं। ई सामग्री में दिखावल गइल डॉक्टर के उपयोग केवल उदाहरण के उद्देश्य से करल गइल बा अउर इ एगो पेशेवर मॉडल बा। रोग प्रतिनिधित्व आइकन/चित्र अउर एनीमेशन केवल उदाहरण के उद्देश्य खातिर बा।

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अइजा बताइल गइल रोग के सूची IAP (इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स) द्वारा उनकर नियमित अउर कैचअप वैक्सीनेशन (टीकाकरण) सिफारिश में रोके जा सके वाला रोग के सूची में शामिल बा। इ सूची के अलावा अउर रोग हो सकेला जउन बच्चा के प्रभावित कर सकतरीं। अधिक जाने खातिर राउर बाल पीडीअट्रिशन से परामर्श करीं।
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