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हर माई बाबू के बचवन के कम सुई आउर जादा सुरक्षा वाला इ 6-इन-1 टीकाकरण के बारे में जाने के चाहीं।
शिशु के इंजेक्शन कम अवुरी दर्द कम होखेला

का ह 6-इन-1 टीकाकरण?

6-इन-1 एगो मिश्रित टीकाकरण ह, जे बचवन के एकही बार में 6 गो बेमारी से बचावेला.

[डिप्थीरिया, टेटनस, पर्टुसिस (काली खांसी), लियोमाइलाइटिस, हीमोफिलस इन्फ्लुएंजा टाइप बी अउर हेपेटाइटिस बी] बचवन के लागे वाला इ टीका उहे समान सुरक्षा देवे ला जे उ सब के अलगे अलगे टीका लगवइला से मिले ला.

6-इन-1 टीकाकरण के का फायदा बा?

बचवन खातिर लाभ समय पर सुरक्षा
सूई के दरद से राहत
बहुत सारा सूई के दरद आउर बेचैनी से राहत

माई-बाबू खातिर लाभ कम असुविधा
बाल रोग विशेषज्ञ लगे कम दौड़ा दौड़ी
काम या पारिवारिक गतिविधि से कम छुट्टी

हमनी के बच्चा के इ 6-इन-1 टीकाकरण कब लेवे के चाहीं?

इ 6-इन-1 टीकाकरण के सही समय पर लगवावे खातिर आपन शिशु रोग विशेषज्ञ से सलाह करे के चाहीं

मिश्रित टीकाकरण आउर अलगे -अलगे टीका लेहला के कवनो आउर नुकसान बा का?

मिश्रित टीका से होखे वाला दुष्प्रभाव आम तउर पे अलगे-अलगे टीका लेखन आउर हल्का भी होखेला. मिश्रित टीकाकरण के सूई जहवाँ लागे ला उहाँ तनिक जादा दरद आउर सूजन हो सकेला. लेकिन जदि राउर बच्चा के अलगे-अलगे सूई लगावल जाता, त ओकरा एगो, दू या तीन गो जगह पे दरद आउर सूजन हो सकेला. जदि राउर बच्चा के कवनो भी टीका से हल्का या गंभीर दुष्प्रभाव देखे के मिलता त रउवा आपन बाल रोग विशेषज्ञ के एकरा बारे में सूचित करीं.

जीएसके के 6 इन 1 टीकाकरण जागरूकता पहल
धोनी जीएसके इंडिया के जागरूकता पहल में शामिल भईलन 6 जवना से शिशु के छक्का मारे में मदद मिली!

6 गो बेमारी जे नयका जनमल बच्चा के खतरा में डाल सकेला।



पोलियो

पोलियो का ह आउर इ हमार बच्चा के कइसे हो सकेला?

पोलियो एगो बहुते जादा फइले वाला रोग ह, जवन वायरस के चलते होखेला. ई तंत्रिका तंत्र के संक्रमित करे वाला रोग ह जे पैरालिसिस, सांस लेवे में परेसानी आउर कभी-कभी मौत के कारण भी बनेला.

पोलियो मुख रूप से 5 साल से कम उमर के बचवन के पकड़ेला आउर इ बहुते खतरनाक होला। इ एगो आदमी से दूसर आदमी में मुख रूप फेको-ओरल रास्ता आ एगो साधारण साधन (जइसे की, गंदा पानी या गंदा खाना) के जरिए फाइलेला आउरु, जदि राउर बच्चा खेलौना जइसन समान के आपन मुंह में डाले ला त ओहु से संक्रमित हो सकेला।

अगर हमार बच्चा के पोलियो हो जाइ त एकर का परिणाम होई?

सीडीसी के अनुसार, पोलियो वायरस से पीड़ित हर 4गो आदमी में से लगभग एगो आदमी में फ्‌लू जइसन लक्षण देखल जा सकेला जेकरा में गला में खरखराहट, बोखार, थकान, उल्टी, सिरदर्द आउर पेट दरद शामिल हो सकेला। रोगीयन के एगो अनुपात दिमाग आउर रीढ़ के हड्डी से जुड़ल लक्षण वाला भी हो सकेला। पोलियो के सबसे गंभीर लक्षण लकवा से जुड़ल होला। इ स्थायी विकलांगता आउर मौत के कारण भी बन सकेला।

आपन नयका जनमल बच्चा के पोलियो से बचावे खातिर का उपाय कइल जा सकेला?

पोलियो से बचावे के सबसे कारगर तरीका सुई लगावल बा। दूसर उपाय में अच्छा आउर निमन साफ-सफाई शामिल बा। पोलियो के खिलाफ टीकाकरण के बारे में जादा जाने खातिर आपन डॉक्टर से बात करीं।

डिप्थीरिया

डिप्थीरिया का होला आउर इ हमार बच्चा के कइसे हो सकेला?

डिप्थीरिया एगो गंभीर जीवाणु संक्रमण वाला रोग ह, जेकि आमतउर पे नाक के श्लेष्म झिल्ली आउर गला के प्रभावित करेला.

हम आपन बच्चा के डिप्थीरिया से कइसे बचा सकेनी?

आपन बच्चा के डिप्थीरिया के सुई लगवावे के जरिए एकरा से बचाव कइल जा सक ता। डिप्थीरिया के सुई आमतउर पर टेटनस आउर काली खांसी (पर्टुसिस) के सुई से जुडल होला। दूसर प्रतिरोधी क्षमता के साथे मेल करके डिप्थीरिया के सुई बचपन में लागे वाला सुई में से एगो होला जेकरा के डाकटर बचपने में ही लगवावे के बोले ला। बच्चा के कौनो भी बेमार आदमी से दूर रखे के साथे निमन साफ-सफाई पर ध्यान देवे के चाहीं।

पर्टुसिस

पर्टुसिस का होला आउर हमार बच्चा के इ कइसे हो सकेला?

पर्टुसिस (जेकरा के काली खांसी के रूप में भी जानल जाला) एगो बहुते फइले वाला श्वसन संक्रमण रोग ह, जेकि नयका जनमल आउर बड़ बच्चवन में पाइल जाए वाला गंभीर बेमारी ह.

पर्टुसिस संक्रामक बूंद के रूप में हवा के जरिए फइले ला, येही कारण से इ दूसर लोग के खांसे या छींके या बेमारी वाला आदमी के नजदीक जाय से आसानी से फइलेला। नयका जनमल बच्चा खातिर माई ही पर्टुसिस संक्रमण के मुख कारण बनेली।

अगर हमार बच्चा के पर्टुसिस होजा त एकर का परिणाम होई?

पर्टुसिस 2 महिना से कम उमर के बच्चा आउर छोट बच्चा में गंभीर समस्या पैदा कर सकेला। सांस लेवे में कठिनाई के कारण शिशु आउर छोट बच्चा के तकलीफ हो सकेला आउर ओकर रंग नीला भी पड़ सकेला।

आपन नयका जनमल बच्चा के पर्टुसिस से बचावे के का तरीका बा?

आपन बच्चा के पर्टुसिस के सुई लगवावे के जरिए एकरा से बचाव कइल जा सक ता। बड़ बचवन में पर्टुसिस के रोके खातिर दूसर उपाय में माई, परिवार के लोग आउर नजदीकी लोग के भी सुई लगवावल शामिल बा। दूसर उपाय में पीड़ित आदमी से अलग रहल भी शामिल बा। एकरा बारे में जादा जाने के खातिर आपन डाकटर से मिलीं।

टिटेनस (या धनुस्तंभ)

टिटनेस का होला आउर हमार बच्चा के इ कइसे हो सकेला?

टिटनेस एगो तेज, घातक रोग ह, जेकि क्लोस्ट्रीडियम टेटानी के चलते होखेला. ऐकरा में अकड़न आउर कंकाल के मांसपेशि में ऐंठन पाइल जाला।

मांसपेसी के जकड़न में आमतउर पर जबड़ा (लॉक जॉ) आउर गर्दन शामिल होला जे फेर पूरा देह में फइल जाला। बैक्‌टीरिया के बीजाणु आमतउर पर माटी, धूरा आउर खाद में पाइल जाला आउर त्वचा में टूट-फूट आमतउर पर दूषित वस्तु के कारण होवे वाला घाव या पंचर घाव के माध्यम से देह में घुसेला।

अगर हमार बच्चा के टिटनेस होजा त एकर का परिणाम होई?

नयका जनमल बच्चा में टेटनस के लक्षण में मांसपेसी में ऐंठन शामिल होला जे अक्‌सर नयका बच्चा के चूसे या दूध पिये में मुसकिल आउर जादा रोए से पहिले होला।

बड़का बच्चा आउर वयस्क में, इ जबड़े के ऐंठन, मांसपेसी के दरद वाला कसाव आउर दौरा पड़े के कारण बन सकेला। येकरा से हड्डी के टूटल, सांस लेवे में तकलीफ, कंठ में ऐंठन जइसन समस्या हो सकेला।

आपन नवजात बच्चा के टिटनेस रोग से कइसे बचाव कइल जा सकेला?

सीडीसी टिटनेस संक्रमण के रोके में मदद करे खातिर टीकाकरण, घाव के निमन देखभाल आउर रखरखाव के बात कहेला। डाकटर इ मामला में टेटनस के रोके में मदद करे खातिर एगो दवा के उपयोग कर सकेला जहवां केहु के गंभीर रूप से चोट लागल होखे आउर टेटनस के सुई (टीका) ना लगवाल गइल होखे।

हीमोफिलस इन्फ्‌लुएंजा टाइप बी (एचआईबी)

हीमोफिलस इन्फ्‌लुएंजा टाइप बी का होला आउर हमार बच्चा के इ कइसे हो सकेला?

हीमोफिलस इन्फ्‌लुएंजा रोग एच इन्फ्‌लुएंजा नाम के बैक्‌टीरिया के कारण होला।

एच इन्फ्‌लुएंजा नाम पड़ला के बावजूद इन्फ्‌लूएंजा (फ्‌लू) के कारण ना बनेला।

हीमोफिलस इन्फ्‌लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) एगो बैक्‌टीरिया ह जे हल्का कान के संक्रमण से लेके गंभीर निमोनिया, मेनिन्जाइटिस आउर दूसर आक्रामक बेमारी से लेकर लगभग 5 साल से कम उमर के बच्चा में बहुते तरह के संक्रमण पैदा कर सकेला।

पीड़ित लोग के दूसर लोग के नजदीक संपर्क में रहला से, खाँसे या छींके द्वारा एचआईबी के साथे एच इन्फ्‌लुएंजा फइला सकेला। इहां तक कि लोग जेकि बेमार नईखे देखाई पड़त उन करो नाक आउर गला में बैक्‌टीरिया हो सकेला आउर इ लोग एकरा के फइला सकेला।

अगर हमार बच्चा के हीमोफिलस इन्फ्‌लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) होजा त एकर का परिणाम होई?

ॠib के कारण होखे वाला सबसे आम आक्रामक बेमारी में निमोनिया, खून में संक्रमण आउर मेनिनजाइटिस शामिल होला। मेनिनजाइटिस दिमाग आउर रीढ़ के हड्डी के आवरण में एगो संक्रमण होला। इ शुरू में तेज बोखार, सिरदर्द, खराब खाना-पीना के कारण हो सकेला। सीडीसी के अनुसार, ॠib इनवेसिव बेमारी वाला अधिकांश बच्चा के अस्पताल में देखभाल के आवश्यकता होला। इ बेमारी के इलाज के बावजूद, ॠib मेनिनजाइटिस से पीड़ित 20 में से एगो बच्चा के मौत हो जाला। ॠib मेनिन्जाइटिस से बचल 5 में से एगो बच्चा के दिमाग क्‌षतिग्रस्त हो सकेला या उ बहरा हो सकेला।

आपन नवजात बच्चा के हीमोफिलस इन्फ्‌लुएंजा टाइप बी (एचआईबी) रोग से कइसे बचाव कइल जा सकेला?

डब्ल्यूएचओ सार्वजनिक स्वास्थ्य उपकरण के रूप में टीकाकरण के ही एगोमात्र उपाय के रूप बतावता जेकि गंभीर एचआईबी रोग के रोके में कारगर बा। शैशवावस्था के सुरुयात में एकर सुई के सुरक्षित आउर प्रभाव वाला मानल जाला। दूसर निवारक उपाय में निमन साफ-सफाई शामिल बा।

हेपेटाइटिस बी

हेपेटाइटिस बी का होला आउर हमार बच्चा के इ कइसे हो सकेला?

हेपेटाइटिस बी लीवर में पाइल जाए वाला संक्रमण रोग ह, जेकि वायरस से होखेला. इ पूरा देह में खून और तरल पदार्थ के जरिए फइलेला.

हेपेटाइटिस बी बच्चवन के कुछ समय खातिर बेमार कर सकेला. ई कई साल तक भी रह सकेला अउर लीवर के भारी नुकसान भी पहुंचा सकेला.

एगो संक्रमित माई जनम के दौरान आपन बच्चा में संक्रमण के प्रसार कर सक तरी। हेपेटाइटिस बी वायरस तब्बे फइले ला जब हेपेटाइटिस बी वायरस से संक्रमित खून, वीर्य या देह के दूसर तरल पदार्थ संक्रमित आदमी के देह में घूस जाला।

अगर हमार बच्चा के हेपेटाइटिस बी हो जाइ त एकर का परिणाम होई?

सीडीसी के अनुसार, 5 साल आउर ओकरा से जादे उमर के लगभग 30% से 50% आदमी में हेपेटाइटिस बी के तेज़ लक्षण पाइल जाला। 5 साल से कम उमर के जादेतर बच्चा आउर गंभीर स्वास्थ्य समस्या वाला आदमीयन में, जइसे की इम्यूनोसप्रेस्ड होखल, आमतउर पर लक्षण ना पाइल जाला।

हेपेटाइटिस बी के लक्षण में थकान, बोखार, भूख ना लागल, जी मचलाइल, त्वचा या आंख के पीला पड़ल, पेट में दरद आउर गहरा रंग के पेशाब शामिल बा। लगभग

90% संक्रमित बचवन (अर्थात 1 साल से कम उमर के बचवन) में पुराना संक्रमण के विकास होखेला। जइसे-जइसे बच्चा बड़ होत जाला, खतरा कम होत जाला। 1 साल से 5 साल तक के उमर के बीच के संक्रमित लगभग 25% से 50% बचवन में क्रोनिक हेपेटाइटिस बी के विकास होखेला। क्रोनिक हेपेटाइटिस बी जिगर के हानि, सिरोसिस, यकृत कैंसर आउर इहां तक कि मौत के कारण भी बन सकेला।

आपन नवजात बच्चा के हेपेटाइटिस बी के रोग से कइसे बचाव कइल जा सकेला?

सीडीसी के अनुसार, हेपेटाइटिस बी से बचाव के सबसे अच्छा तरीका सुई लगवावल बा। पूरा सुरक्षा खातिर सुई के पूरा श्रृंखला के पूरा कइल जरूरी बा। दूसर निवारक उपाय में संक्रमित व्यक्ति के साथे खून आउर देहिक संपर्क से बचाव शामिल बा। हेपेटाइटिस बी के खिलाफ टीकाकरण के बारे में आउर जादा जाने खातिर आपन डाकटर से बात करीं।

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